राजस्थान के प्रथम राज्यपाल सरदार गुरूमुख निहाल सिंह ने रियासतों के पुनर्गठन के बाद 1 नवम्बर, 1956 को पदभार संभाला तथा 15 अप्रेल, 1962 तक इस पद पर आसीन रहे। आप का जन्म 14 मार्च, 1895 को अविभाजित पंजाब में हुआ। लन्दन विश्वविद्यालय से आपने बी.एससी. (अर्थशास्त्र) की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1920 में आप काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक नियुक्त हुए। बाद में कला संकाय के अधिष्ठाता बनाये गये। वर्ष 1939 से 43 तक आप अहमदाबाद स्थित एच.एल.वाणिज्य महाविद्यालय, 1943 से 49 तक रामजस काॅलेज, दिल्ली तथा जनवरी, 1950 से श्रीराम काॅलेज, दिल्ली के प्राचार्य रहे।
वर्ष 1952 के प्रथम आम चुनाव में श्री सिंह दिल्ली विधान सभा के सदस्य तथा 7 मई, 1952 को विधान सभा अध्यक्ष चुने गये। वर्ष 1955 में आपको कांग्रेस विधायक दल का सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया। 13 फरवरी, 1955 से 31 अक्टूबर, 1956 को दिल्ली विधान सभा का अस्तित्व समाप्त होने तक आप मुख्यमंत्री पद पर रहे।
श्री सिंह अपने शैक्षिक सेवाकाल में बनारस, इलाहाबाद, लखनऊ और दिल्ली सहित देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों की अनेक महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य तथा अध्यक्ष रहे। आपने राजनीति विज्ञान विषय में अनेक पुस्तकें लिखीं।
सरदार श्री गुरूमुख निहाल सिंह का उद्घाटन भाषण 25 अप्रेल, 1957
सरदार श्री गुरूमुख निहाल सिंह का उद्घाटन भाषण 14 मार्च, 1962